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भारत और चीन ने सीमा पार नदियों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए 2006 में विशेषज्ञ स्तरीय तंत्र (ईएलएम) की स्थापना की, जिसके तहत चीन बाढ़ के मौसम के दौरान भारत को ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों पर जल विज्ञान संबंधी जानकारी प्रदान करता है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह जलविद्युत परियोजना यारलुंग जांगबो नदी के निचले हिस्से में बनाई जाएगी. बांध हिमालय की एक विशाल घाटी में बनाया जाएगा, जहां ब्रह्मपुत्र नदी अरुणाचल प्रदेश और फिर बड़ा मोड़ लेते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है.

मोंगला बंदरगाह में रुचि रखकर भारत का लक्ष्य क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा में योगदान करना है. बंगाल की खाड़ी क्षेत्र प्रमुख शक्तियों से जुड़ी भू-राजनीतिक गतिशीलता से चिह्नित है. अब भारत में उद्योग जगत और निर्यातकों की नजर बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस सरकार की नई आर्थिक नीतियों पर है. इस साल शेख़ हसीना भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की पहली विदेशी मेहमान थीं. हाल ही में अमेरिका द्वारा भारतीय वस्त्र आयात पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ (लगभग 27%) के परिप्रेक्ष्य में यह नीति राजस्थान के निर्यातकों के लिए विशेष लाभकारी मानी जा रही है.

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प्रबीर डे कहते हैं कि एक बड़ी चुनौती भारत के सामने ये है कि बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ सकती है. भारत बांग्लादेश के साथ 4 हज़ार किलोमीटर से ज़्यादा की सीमा शेयर करता है. हालाँकि बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक दृश्य को देखते हुए इसके भविष्य पर अनिश्चितता बनी हुई है. अडानी पावर ने साल 2017 में बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट के साथ 25 साल का समझौता किया था. अखौरा-अगरतला पहली ट्रेन सेवा है, जो पूर्वोत्तर भारत को बांग्लादेश से जोड़ती है.

भारत को चाहिए कि इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए वो क्वाड के साझीदारों जैसे कि अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया को भी दक्षिण एशिया की आर्थिक पहलों में भागीदार बनाए, भले ही कभी कभार इन देशों से उसके मतभेद ही क्यों न हों. अगस्त में शेख़ हसीना के तख़्तापलट के बाद से ही बांग्लादेश ने ख़ुद को भारत से दूर कर लिया है. शेख़ हसीना के 15 सालों के राज के दौरान भारत समर्थक रुख़ अपनाने से बांग्लादेश और भारत के बीच सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा मिला. लेकिन, मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार ने इसमें बदलाव का संकेत देते हुए, पाकिस्तान और दूसरे देशों से नज़दीकी बढ़ानी शुरू की है. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी और दूसरे इस्लामिक संगठनों के ताक़तवर होने से भारत की सुरक्षा और वहां के अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंताएं पैदा हुई हैं.

कोई भी 18वीं स्टोरी के लिए नहीं आता; लोग पहली दो या तीन स्टोरी के लिए आते हैं. इसी तरह अगर आप एक छोटी समस्या या कई छोटी समस्याओं को हल करते हैं, तो यह कोशिश एक बड़ी समस्या को हल करने के बराबर ही होती है. यह टीम को थका देता है और उन्हें अधीर बनाता है, क्योंकि उन्हें बढ़िया नतीजे और प्रशंसा या मूल्य सृजन नहीं दिखता. बांग्लादेश में एक ऐसी सरकार थी, जो अपने लोगों के लिए स्वतंत्र फैसले ले रही थी. वह भारत से तो अच्छे संबंध रख ही रही थी, चीन, अमेरिका और यूरोप से भी संबंधों को मैनेज कर रही थी.

भारत के रुख़ को ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान, और अमेरिका के बीच क्वाड सिक्योरिटी डायलॉग जैसी वैश्विक कूटनीतिक पहलों से ताक़त मिल रही है, जिसे चीन के आक्रामक रुख़ से निपटने का मंच कहा जा रहा है. दोनों देशों की सीमाएं 4096 किलोमीटर तक मिलती हैं, जो दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी लैंड बॉर्डर है. ऐसे में बांग्लादेश भारत से दूर नहीं रह सकता.चौथा पॉइंट- नदियों को लेकर भी दोनों देश विरासत साझा करते हैं. ऐसी 54 नदियां हैं, जो भारत और बांग्लादेश दोनों देशों में बहती हैं. 2024 में भारत के पड़ोसी देशों में उथल-पुथल का माहौल बना रहा.

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निवेश मंच

अमेरिका में अदानी के इस निवेश की प्रतिबद्धता भी अधर में लटक सकती है. अदानी पहले भारतीय कारोबारी हैं, जिन पर अमेरिका में इस तरह के गंभीर आरोप लगे हैं. संजय भारद्वाज भी मानते हैं कि भारत के लिए तीन चीज़ें अहम हैं- सुरक्षा, काउंटर टेररिज़म और ऐसी सरकार जो कट्टरपंथी ना हो.

इससे बांग्लादेश के निर्यात में 3.26 अरब डॉलर और एफ़डीआई में 3.36% की वृद्धि होगी. माओ ने कहा कि यारलुंग जांगबो नदी के निचले इलाकों में चीन के जलविद्युत विकास का उद्देश्य स्वच्छ ऊर्जा के विकास में तेजी लाना और जलवायु परिवर्तन और चरम जल विज्ञान संबंधी आपदाओं से निपटना है. चीन ने बुधवार को भारतीय सीमा के निकट तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण को मंजूरी दे दी, जिसे दुनिया की सबसे बड़ी अवसंरचना परियोजना बताया जा रहा है. इससे भारत और बांग्लादेश में चिंता बढ़ गई है जहां से होकर ये नदी गुजरती है. यह परियोजना पारिस्थितिक रूप से बेहद স্মার্ট বিনিয়োগ প্ল্যাটফর্ম नाजुक हिमालयी क्षेत्र में बनाई जा रही है, जो टेक्टोनिक प्लेट सीमा पर स्थित है, जहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं.

  • बड़े फैशन स्टोर्स जैसे जारा (Zara) और एच एंड एम (H&M) पर सबसे ज़्यादा असर पड़ेगा जो बड़े स्तर पर रेडीमेड गारमेंट्स का बांग्लादेश के सप्लायरों से आयात करते हैं.
  • बांग्लादेश भारत का व्यापार के लिहाज से इस उपमहाद्वीप में सबसे बड़ा साझेदार है और भारत भी बांग्लादेश के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है.
  • उनकी पार्टी अवामी लीग को आधिकारिक रूप से बैन कर दिया गया है.
  • अभिनेता आमिर खान (Aamir Khan) ने 3 Idiots नामक एक फिल्म में काम किया था, जो एक बड़ी सफलता थी और सामाजिक रूप से भी बहुत प्रासंगिक थी.

बांग्लादेश इस साल अपनी स्वतंत्रता के पचास वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है. इसमें सबसे प्रमुख आयोजन है -‘मुजीब दिबस’ यानी ‘मुजीब दिवस’. यह बांग्लादेश के निर्माता शेख़ मुजीब उर रहमान के सम्मान में मनाया जा रहा है. मोहम्मद यूनुस ने विश्व नेताओं से युवाओं में निहित सम्भावनाओं में निवेश करने पर बल दिया ताकि एक समावेशी, न्यायसंगत व टिकाऊ विश्व को आकार दिया जा सके.

चौकाने वाली बात तो यह है कि सभी लोन 2 पर्सेंट इंट्रस्ट पर दिया गया है. अगर आंकड़ों पर गौर करे तो दक्षिण एशिया में बांग्लादेश, चीनी निवेश पाने वाला पाकिस्तान के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है. अब जब शेख़ हसीना देश छोड़ चुकी हैं तो मोहम्मद यूनुस के लिए हालात पूरी तरह बदल गए हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की अगुवाई मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं जिन्होंने व्यापक विरोध प्रदर्शनों के कारण पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना सरकार के पतन के बाद 8 अगस्त को सत्ता की बागडोर संभाली थी. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है. मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून का हवाला देते हुए यह कदम उठाया है.

उनके साथ काम करने वाले सुमन कुमार हाजीपुर के पास काशीपुर गांव के रहने वाले हैं. वे ढाई हजार किमी दूर तमिलनाडु के टेक्सटाइल हब तिरुपुर में काम करते थे. साल में 15 दिन की छुट्टी होती तो एक हक्रते ट्रेन में बीत जाता. दिसंबर, 2023 में बिहार में आयोजित इनवेस्टर मीट में भी टेक्सटाइल और लेदर कंपनियों ने बिहार में निवेश में दिलचस्पी ली थी. कंपनी वहां जमीन ले चुकी है और फैक्ट्री बनने का काम शुरू हो गया है. इसी तरह जुलाई, 2024 को पटना में आयोजित टेक्सटाइल इनवेस्टर मीट में पर्ल ग्लोबल ग्रुप ने निवेश करने का भरोसा जताया है.

उनके मुताबिक भारत और बांग्लादेश के बीच आर्थिक संबंधों पर राजनीतिक मुद्दों का बहुत ज्यादा असर नहीं पड़ेगा. पड़ोसी देशों को लेकर भारत की नीति में धैर्य बनाए रखने, अक्सर उभर आने वाले भारत विरोधी सरकारों से संवाद करने, चीन के साथ होड़ करने और सिर्फ़ लेन-देन का रिश्ता क़ायम करने के रुख़ को ख़ारिज करने की ज़रूरत है. क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के एक स्थायी ढांचे के लिए क़र्ज़ के बजाय सहायता देने, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी सहयोग बढ़ाने, कनेक्टिविटी और मानवीय सहायता पर ज़ोर देना चाहिए. पड़ोसी देशों से जिन अहम क्षेत्रों में रिश्ते प्रगाढ़ किए जा सकते हैं, वो ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग, विकास में सहायता, रक्षा क्षेत्र में साझेदारी, आपदा राहत और सांस्कृतिक आदान प्रदान के साथ साथ मूलभूत ढांचे की परियोजनाओं के विकास के हैं.